केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 14 जुलाई को दिल्ली में “एफपीओ के माध्यम से पैक्स को मजबूत करना” विषय पर एक दिवसीय सम्मेलन का करेंगे उद्घाटन
शिमला, 10 जुलाई, 2023 । केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह 14 जुलाई को नई दिल्ली में एफपीओ के माध्यम से पैक्स को मजबूत करना विषय पर एक दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे। सम्मेलन का उद्देश्य किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के माध्यम से प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा करना है। क्षेत्रीय निदेशक एनसीडीसी शिमला राकेश वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि कॉन्क्लेव में क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ-साथ देशभर के एफपीओ सदस्य भी भाग लेंगे।
इस मेगा सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) द्वारा किया जा रहा है। FPOs किसानों द्वारा गठित, संसाधनों को एकत्रित करने और उन्हें अच्छा बारगेन करने में सक्षम बनाने वाली सामूहिक संस्थाएं, होने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में परिवर्तन के प्रमुख कारकों में से एक हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सहकार से समृद्धि के विज़न को साकार करने और सहकारिता मंत्री अमित शाह के प्रयासों से, हाल ही में सहकारिता क्षेत्र में 1100 नए FPO गठित का निर्णय लिया गया है।
सहकारिता मंत्रालय की एक महत्वपूर्ण पहल के साथ, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने हाल ही में सहकारिता क्षेत्र को बढ़ावा देने और व्यापक समर्थन प्रदान करने की योजना के तहत पैक्स को मजबूत करने के माध्यम से छोटे और सीमांत किसानों को सहायता देने के लिए सहकारी क्षेत्र में 1100 एफपीओ बनाने और उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए एनसीडीसी को अतिरिक्त ब्लॉक आवंटित किए हैं। FPO योजना के तहत, हर FPO को 33 लाख रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है, एफपीओ को प्रोत्साहन देने और सहायता करने के लिए क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठनों (CBBOs) को प्रति एफपीओ 25 लाख रुपये दिए जाते हैं।
एफपीओ खेती को टिकाऊ बनाने, आजीविका को बढ़ावा देने और कृषि पर निर्भर लोगों के जीवनस्तर में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। FPOs छोटे और सीमांत किसानों/उत्पादकों को उनके उत्पादों की बेहतर कीमत प्राप्त करने, परिवहन लागत कम करने और पूर्ण उत्पादकता बढ़ाने में मदद करते हैं। सरकार एफपीओ योजना में पैक्स के एकीकरण पर जोर दे रही है जिससे किसान अपनी व्यावसायिक गतिविधियं का दायरा, उत्पादन इनपुट की आपूर्ति, कल्टीवेटर, टिलर, हार्वेस्टर आदि जैसे कृषि उपकरण और प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन, जिसमें सफाई, परख, छंटाई, ग्रेडिंग, पैकिंग, भंडारण, परिवहन आदि शामिल हैं, जैसी गतिविधियों के विस्तार से बढ़ाने में सक्षम हो सकें।
देशभर में पैक्स के सदस्य किसानों की संख्या लगभग 13 करोड़ है, जो मुख्य रूप से अल्पकालिक ऋण और बीज, उर्वरक आदि के वितरण जैसी गतिविधियों में लगे हैं। वर्तमान में, देश में 86% से अधिक किसान छोटे और सीमांत हैं। हालांकि, किसानों को उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं का उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए बेहतर प्रौद्योगिकी, ऋण, इनपुट और अधिक बाजारों तक पहुंच की सुविधा प्रदान करने की आवश्यकता है, सरकार ने पहले ही पैक्स से जुड़े किसानों को एफपीओ गठन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इस संबंध में, केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तत्वाधान में केंद्र-प्रायोजित योजना “10,000 किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का गठन और संवर्धन” शुरू की गई थी।
NCDC, सहकारिता मंत्रालय के तहत एक वैधानिक संगठन है, जिसे उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने और फसल कटाई के बाद की सुविधाएं प्रदान करने के लिए सहकारी समितियों के लिए योजना बनाने, उन्हें बढ़ावा देने और उनका वित्त पोषण करने का अधिकार है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान, NCDC ने कृषि प्रसंस्करण, कमजोर वर्गों, सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण, सेवा, ऋण और युवा सहकारी समितियों सहित विभिन्न क्षेत्रों में 41,031.39 करोड़ रुपये का वितरण किया।