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ओपीएस से बदल गई मदन लाल और रत्न चंद की जिंदगी- ओपीएस के तहत 40 हजार रुपये मासिक पेंशन
अब एनपीएस से 10 गुणा ज्यादा मिलने लगी पेंशन, बुढ़ापे की चिंता हुई दूर
हिमाचल न्यूज़ डेली (Himachal News Daily)
हमीरपुर, 14 जनवरी, 2024 । अपनी जवानी के अहम वर्षों को सरकारी सेवा के लिए समर्पित करने वाला कर्मचारी जब सेवानिवृत्ति की ओर अग्रसर होता है तो उसे अपने बुढ़ापे की चिंता सताने लगती है। एक ओर वह सेवानिवृत्त हो जाता है तो दूसरी ओर उसके शरीर में उतनी ऊर्जा भी नहीं होती है और धीरे-धीरे बढ़ती उम्र से संबंधित कई बीमारियां भी उसे घेरने लगती हैं। ऐसे हालात में अगर उसके पास पर्याप्त पैसा या हर माह नियमित आय का साधन न हो तो उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हिमाचल प्रदेश में न्यू पेंशन स्कीम के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के हालात कुछ ऐसे ही थे। क्योंकि, सेवानिवृत्ति के बाद इन कर्मचारियों को नाममात्र पेंशन ही मिल रही थी। उनके हालात को देखते हुए सेवारत कर्मचारियों को भी अपने भविष्य की चिंता सता रही थी।
लेकिन, एक वर्ष पूर्व जब मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश की कमान संभाली तो मानों राज्य के लगभग एक लाख 36 हजार एनपीएस कर्मचारियों की तो तकदीर ही बदल गई। यही नहीं, एनपीएस के तहत रिटायर हो चुके कर्मचारियों के भी दिन बदल गए। एनपीएस के तहत नाममात्र पेंशन ले रहे कर्मचारियों को भी जब हिमाचल प्रदेश सरकार ने ओपीएस के अंतर्गत लाने का निर्णय लिया तो इन सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन में 10 से 15 गुणा तक वृद्धि हो गई और उनकी कई चिंताएं सदा के लिए दूर हो गईं।
इन्हीं सौभाग्यशाली सेवानिवृत्त एनपीएस कर्मचारियों में शामिल हमीरपुर जिले के बड़सर उपमंडल के गांव मकतेड़ी के मदन लाल और नादौन उपमंडल के गांव सनाही के रत्न चंद शर्मा आज ओपीएस के तहत लगभग 10 गुणा ज्यादा पेंशन पाकर गदगद हैं और बार-बार मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त कर रहे हैं।
गांव मकतेड़ी के मदन लाल ने बताया कि वह शिक्षा विभाग में शास्त्री के पद पर कई वर्षों तक सेवाएं देने के बाद जुलाई 2020 में रिटायर हो गए थे। लंबे सेवाकाल के बावजूद एनपीएस के तहत उन्हें केवल 4146 रुपये पेंशन मिल रही थी, जिससे उनका गुजारा बहुत मुश्किल हो रहा था। उम्र के साथ-साथ बीमारियों के उपचार और दवाइयों का खर्चा बढ़ने लगा था। उन्हें बुढ़ापे की चिंता सताए जा रही थी। लेकिन, लगभग एक वर्ष पूर्व जब प्रदेश सरकार ने जब ओपीएस बहाल करने का निर्णय लिया तो उनकी जिंदगी बदल गई। मदन लाल ने बताया कि अब उन्हें ओपीएस के तहत लगभग 10 गुणा ज्यादा यानि हर माह 40,334 रुपये पेंशन मिल रही है।
इसी प्रकार गांव सनाही के रत्न चंद शर्मा भी मई 2020 में स्कूल लेक्चरर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे और उन्हें एनपीएस के तहत लगभग 3500 रुपये पेंशन मिल रही थी। अब ओपीएस के तहत उन्हें भी 40 हजार रुपये से अधिक मासिक पेंशन मिलनी शुरू हो गई है।
रत्न चंद शर्मा का कहना है कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ओपीएस बहाल करके कर्मचारियों एवं पेंशनरों को मान-सम्मान और बुढ़ापे का बहुत बड़ा सहारा प्रदान किया है। रत्न चंद शर्मा कहते हैं कि इस तरह का फैसला कोई बड़े दिल वाला नेता ही ले सकता था और ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह करके दिखाया है। उन्होंने कहा कि ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू को ओपीएस बहाल करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में जाना जाएगा।