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प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के स्कूलों के कलस्टर पहली बार बनाए-
स्कूल क्लस्टर व स्कूल/कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस
शिमला, 18 फरवरी, 2024 । शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का उचित प्रसार तो हो चुका है लेकिन अब इसे सुदृढ़ करने की आवश्यकता है। इसी कड़ी में प्री-प्राइमरी से लेकर 12वीं कक्षा तक के स्कूलों के कलस्टर पहली बार बनाए गए हैं। इनमें सभी विद्यार्थी वहाँ पर उपलब्ध सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं। प्राईमरी के बच्चे वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल की लैब में जा कर उसका उपयोग कर सकते हैं। सुबह की प्रार्थना इक्ट्ठे करके साथ में एक-दूसरे से सीखने में सभी को प्रेरणा मिलेगी। स्कूल क्लस्टर में टीचर्स की पूरी उपलब्धता रहेगी। इससे भी बच्चों का सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास होगा।
इसी तरह प्रदेश में प्रथम चरण में लगभग 850 स्कूल ऑफ ऐक्सीलेंस खोले जाएंगे, जिनमें सभी प्रकार की सुविधायें जैसे कि डिजिटल लाइब्रेरी, स्मार्ट क्लासरूम, अच्छी प्रयोगशालाएं, आईसीटी लैब, मैथ लैब व अच्छे स्पोर्टस सुविधाएँ व खेल उपकरण उपलब्ध करा दिए जाएंगे। सरकार ने गत वर्ष में इस तरह की गुणवत्ता को बढ़ाने वाली पहल प्रदेश में शुरू कर दी है। इसकी भी घोषणा मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में की है। उन्होंने कहा कि संस्था विकास योजना के अंतर्गत प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थानों की अपनी एक संस्था (स्कूल/कॉलेज) विकास योजना होगी। इसके लिए हिमाचल प्रदेश शिक्षा विभाग ने पहले ही सभी स्कूल/कॉलेज को उचित निर्देश दे दिए हैं। इसमें विद्यार्थियों की प्राथामिकताओं को ध्यान में रखते हुए एक साल की योजना सभी स्कूल, कॉलेज को बनानी होती है। इसी कड़ी मे स्कूल का अपना कलैंडर ऑफ एक्टीविटी भी होगी, जिसमे साल भर में स्कूल व कॉलेज में एक्टीविटी/गतिविधियाँ करवाई जाएगी।