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क्या पार्लियामेंटरी बोर्ड ने जयराम को ओपीएस पर फ़ैसला करने को अधिकृत किया- चंद्रशेखर
जयराम पर चढ़ी फ़िल्मी संगत की रंगत, तथ्य भी भूले
शिमला, 20 अप्रैल, 2024 । हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं विधायक चंद्रशेखर ने कहा है कि पुरानी पेंशन स्कीम मामले में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर पर फ़िल्मी संगत की रंगत चढ़ गई है और वह तथ्य भी भूल गए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान कांग्रेस सरकार ने कर्मचारियों की पुरानी मांग को पूरा करते हुए पहली ही कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम को बहाल की और हिमाचल प्रदेश अपने मूल स्वरूप में पुरानी पेंशन को बहाल करने वाले देश का पहला राज्य बना। जबकि अब नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर कर्मचारियों को गुमराह करने के लिए तथ्यहीन बातें कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा की प्रत्याशी कांग्रेस सरकार द्वारा बहाल की गई पुरानी पेंशन स्कीम के वजूद को ही नकार रही हैं और बार-बार यह कह रही हैं कि कांग्रेस ने तो ओपीएस दी ही नहीं। जबकि राज्य सरकार ने मंडी जिला के एक हजार से अधिक रिटायर्ड कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ दे दिया है और जिला में काम कर रहे 22 हजार से अधिक कर्मचारियों को ओपीएस के दायरे में लाकर उनका भविष्य सुरक्षित किया है। इसलिए वह अपने तथ्य भी ठीक करें और भाजपा प्रत्याशी का ज्ञानवर्धन भी करें।
चंद्रशेखर ने कहा कि जयराम ठाकुर स्पष्ट करें कि क्या भाजपा ने अपनी राष्ट्रीय नीति में बदलाव करते हुए पुरानी पेंशन स्कीम को देश भर में लागू करने का फ़ैसला कर लिया है। क्या भाजपा पार्लियामेंटरी बोर्ड से जयराम ठाकुर को पुरानी पेंशन पर फ़ैसला करने की शक्ति दे दी है। अगर पुरानी पेंशन को लागू करने का फ़ैसला भाजपा का है, तो राजस्थान में भाजपा की सरकार बनते ही कांग्रेस सरकार के समय दी गई पुरानी पेंशन को दोबारा बंद क्यों कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि जब पिछली भाजपा सरकार के समय कर्मचारी पुरानी पेंशन की माँग कर रहे थे तो मुख्यमंत्री रहते हुए जयराम ठाकुर ने कर्मचारियों को एक बार भी बातचीत के लिए नहीं बुलाया।
बल्कि आंदोलन करने पर कर्मचारियों को पुलिस से पिटवाया गया, उन पर पानी की बौछारें चलाई गई और उनकी मज़ाक़ बनाया गया। कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि पुरानी पेंशन माँगने पर कर्मचारियों को चुनाव लड़ने की चुनौती दी गई। हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारी जयराम ठाकुर की उन अपमानजनक बातों को भूले नहीं हैं। चंद्रशेखर ने कहा कि जो काम पूर्व की भाजपा सरकार नहीं कर पाई, वह काम वर्तमान राज्य सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट बैठक में किया। पुरानी पेंशन बहाल न कर पाना जयराम ठाकुर की व्यक्तिगत नैतिक हार है और अब वह कर्मचारी वर्ग को भ्रमित करने के लिए तथ्यहीन बयान दे रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश का कर्मचारी वर्ग भूला नहीं कि वर्ष 2002 में भाजपा सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रीय नीति के तहत ही पुरानी पेंशन स्कीम को बंद कर न्यू पेंशन स्कीम लागू की थी। भाजपा ने कर्मचारियों से पेंशन ही नहीं छीनी थी, बल्कि उनका आत्मसम्मान और स्वाभिमान भी छीन लिया था और बुढ़ापे में उन्हें दर-दर की ठोकरें खाने को बेहाल छोड़ दिया था। उन्होंने कहा कि जब आम परिवार से निकलकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक ठाकुर सुखविंदर सिंह पहुँचे तो उन्होंने कर्मचारियों की पीड़ा को समझा और बिना किसी राजनीतिक स्वार्थ के पुरानी पेंशन बहाल की। एनपीएस में जिन कर्मचारियों को पहले 2500 रुपए पेंशन मिल रही थी, उन्हें पुरानी पेंशन लागू होने से आज 25 हजार रुपए तक पेंशन मिल रही है।