देश के नेतृत्व के लिए मोदी सबसे क्षमतावान नेता, देश ही नहीं दुनिया के लोग भी उन्हें चाहते हैं- जयराम ठाकुर
ज़िंदगी के साथ और ज़िंदगी के बाद भी लूट करना चाहती है कांग्रेस
जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ़ नरेन्द्र मोदी हैं जो देश को विकसित करने के विजन के साथ आगे बढ़ रहे हैं। भारत में हर आदमी के पास, शिक्षा, आवास, रोज़गार, शौचालय, आत्मनिर्भरता, फ्री बिजली, फ्री राशन, बेहतरीन इंफ़्रास्ट्रक्चर, बेहतरीन सुविधाएं मिले। जबकि इंडी एलाएंस के नेता अपने परिवार का विकास सोच रहे हैं। कैसे अपने बेटे-दामाद, बहू और रिश्तेदारों को आगे बढ़ाना है, इस पर काम कर रहे हैं। गरीब और ज़रूरतमंद लोग ऐसे नेताओं की प्राथमिकता में कहीं है ही नहीं। देश ने विकास को चुना है और परिवारवाद को पूरी तरह नकार दिया है। दुनिया की बड़ी-बड़ी वित्तीय संस्थाएं कह रही हैं कि नरेन्द्र मोदी ने दस साल के कार्यकाल में विकास के जो काम किए हैं वह किसी मैजिक से कम नहीं हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने देश के लोगों से लूट के लिए नई योजना लाना चाह रही है। जो ज़िंदगी के साथ भी और ज़िंदगी के बाद भी चलती रहे। इसके लिए लोगों की विरासत पर भी इनकी नज़रें टेढ़ी हो गई हैं। नरेन्द्र मोदी के रहते हुए विपक्ष के लोग कामयाब नहीं हो सकते हैं, उन्होंने देश के हर गरीब आदमी से उनकी एक-एक पाई सुरक्षित रखने और उन तक पूरी पारदर्शिता के साथ पहुंचाने का वादा किया है। जयराम ठाकुर ने कहा कि इसे समय कांग्रेसी के नेता चुनाव लड़ने में कोई रुचि ही नहीं दिखा रहे हैं। कांग्रेस से जिसका भी नाम मीडिया के माध्यम से भी बाहर आता है। वह भागा-भागा दिल्ली जाता है और कोई न कोई कारण देकर चुनाव लड़ने से मना कर देता है और दो-तीन नाम और सुझाकर वापस आ जाता है। जिसे लड़ने के लिए कहिए वही भागा जाता है। इससे यह साफ़ है कि कांग्रेस नेताओं को अपनी करारी हार साफ़ दिखाई दे रही है। क्योंकि हिमाचल में कांग्रेस ने डेढ़ साल की सरकार में सिर्फ़ लोगों को दुःख देने के कार्य किए हैं। इसका ख़ामियाज़ा उन्हें भुगतना ही पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि हिमाचल को शीर्ष पर ले जाने के लिए बदले की राजनीति के बदले विकास की राजनीति करनी होगी। लेकिन जैसे ही कांग्रेस सरकार में आई। आते ही बदले की राजनीति शुरू कर दी, हज़ारों की संख्या में चले हुए संस्थान बंद कर दिये। अस्पताल और स्कूल जैसे संस्थान बंद कर दिये। जिससे स्कूल में जाने वाले छात्रों को कई किमी की दूरी अलग तय करनी पड़ रही है। अस्पताल जाने के लिए और मुसीबतें उठानी पड़ रही है। सरकार को बस इतना बताना चाहिए कि उन्होंने यह संस्थान क्यों बंद कर दिये आम लोगों को परेशान करके के क्या मिला। मुख्यमंत्री की इसी ताला डालो नीति के कारण जनता सड़कों पर आ गई। उनके विधायक भी मुख्यमंत्री से अपमानित होते होते थक गए और अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करने के लिए लोकतांत्रिक तरीक़ा अपनाया। लेकिन मुख्यपृष्ठ अभी भी ख़ुद के बजाय विधायकों और भाजपा को दोष दे रहे हैं। उन्हें तो बहुमत खोने पर नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा दे देना चाहिए था।