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भारत की मुद्रास्फीति दर निचले स्तर पर बनी हुई है और स्थिर है

यह 4 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रही है

हिमाचल न्यूज़ डेली (Himachal News Daily) 

नई दिल्ली, 23  जुलाई, 2024 । दो लाख करोड़ रुपये की लागत से पांच योजनाओं और पहलों से संबंधित प्रधानमंत्री का पैकेज अगले 5 वर्षों में 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अन्य अवसरों की सुविधा देगा । विकसित भारत को साकार करने के लिए बजट में सभी के लिए पर्याप्त अवसरों के सृजन हेतु 9 प्राथमिकताओं के लिए सतत प्रयासों की परिकल्पना की गई है । बजट 2024-25 का रोजगार, कौशल विकास, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर विशेष जोर किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 बागवानी फसलों की उच्च-उपज वाली तथा जलवायु-अनुकूल 109 नई किस्में जारी की जाएंगी ।

Nominations for the National Teachers’ Award 2024 are open. The purpose of the National Teachers’ Award is to celebrate the unique contribution of some of the finest teachers in the country and to honor those teachers who through their commitment and industry have not only improved the quality of school education but also enriched the lives of their students. The last date for receiving online nominations is 15.7.2024 

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अगले दो वर्षों में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि की शुरुआत करने के लिए सहायता दी जाएगी । इस वर्ष कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान ।  1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों का उन्नयन किया जाएगा । सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिए पूर्वोदय योजना को अंतिम रूप देगी, जिसमें बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश शामिल हैं । महिला संचालित विकास को बढ़ावा देने से जुड़ी विभिन्न योजनाओं के लिए बजट में तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक के आवंटन का प्रस्ताव दिया गया है, जिनसे महिलाओं और लड़कियों को लाभ होगा। 

इस वर्ष ग्रामीण अवसंरचना समेत ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान । मुद्रा ऋण की सीमा को वर्तमान के 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये किया जाएगा । सरकार अगले 5 वर्षों में एक करोड़ युवाओं को 500 शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने के लिए एक व्यापक योजना का शुभारंभ करेगी । पीएम आवास योजना शहरी 2.0 के तहत, एक करोड़ शहरी गरीब और मध्यम वर्ग परिवारों की आवास आवश्यकताओं का समाधान किया जाएगा, इसके लिए 10 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा ।

25,000 ग्रामीण बस्तियों को सभी मौसमों के उपयुक्त सड़क संपर्क सुविधा प्रदान करने के लिए पीएमजीएसवाई के चरण-IV की शुरुआत की जाएगी । 1,000 करोड़ रुपये की वेंचर कैपिटल निधि के साथ अगले 10 वर्षों में अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का 5 गुना विस्तार करने पर जोर । 4 करोड़ वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को आयकर में बड़ी राहत । नई कर व्यवस्था अपनाने वाले लोगों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75,000 करोड़ रुपये किया गया । पारिवारिक पेंशन पर छूट को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 25,000 रुपये किया गया ।

नई व्यवस्था के तहत 58 प्रतिशत से अधिक कॉरपोरेट टैक्स प्राप्तियां संग्रहित की गई । व्यक्तिगत करदाताओं में से दो तिहाई करदाताओं ने नई आयकर व्यवस्था को अपनाया । स्टार्टअप और निवेश को बढ़ावा देने के क्रम में सभी श्रेणियों के निवेशकों के लिए एंजेल टैक्स को समाप्त किया गया । निवेश आकर्षित करने के लिए विदेशी कंपनियों पर लगने वाले टैक्स को 40 प्रतिशत से घटाकर 35 प्रतिशत किया गया । कई तरह के भुगतानों पर लगने वाले 5 प्रतिशत टीडीएस का विलय 2 प्रतिशत टीडीएस में किया गया ।

निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों के लिए पूंजीगत लाभ पर छूट की सीमा को बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये प्रतिवर्ष किया गया । एक्स-रे पैनल, मोबाइल फोन तथा पीसीबीए पर सीमा शुल्क को घटाकर 15 प्रतिशत किया गया । सोना और चांदी जैसी कीमती धातुएं सस्ती होंगी, सीमा शुल्क घटाकर 6 प्रतिशत किया गया ।

नीतिगत अनिश्चितताओं से वैश्विक अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने के बावजूद, भारत का आर्थिक विकास एक उत्कृष्ट उदाहरण बना हुआ है और आने वाले वर्षों में भारत इसी प्रकार प्रगति की राह पर अग्रसर रहेगा। केन्‍द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज संसद में ‘केन्‍द्रीय बजट 2024-25’ पेश करते हुए कहा कि भारत की मुद्रास्फीति की दर कम है और यह स्थिर बनी हुई है। मुद्रास्फीति की दर 4 प्रतिशत के लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रही है। वर्तमान में प्रमुख मुद्रास्फीति (गैर-खाद्य, गैर-इंधन) 3.1 प्रतिशत है तथा जल्द खराब होने वाली वस्तुओं की बाजार में पर्याप्त आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं।

अंतरिम बजट

वित्त मंत्री ने कहा कि जैसा अंतरिम बजट में कहा गया था, हमें 4 मुख्य समुदायों-‘गरीब’, ‘महिला’, ‘युवा’ और ‘अन्नदाता’ पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।

बजट की मुख्य विषयवस्तु

बजट की विषयवस्तु के बारे में सीतारमण ने कहा कि इस बजट में अगले पूरे वर्ष और उससे आगे की अवधि के लिए हम विशेष रूप से रोजगार, कौशल प्रशिक्षण, एमएसएमई और मध्यम वर्ग पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने 2 लाख करोड़ रुपये के केन्द्रीय परिव्यय के साथ अगले 5 वर्षों के दौरान 4.1 करोड़ युवाओं को रोजगार, कौशल प्रशिक्षण और अन्य अवसरों की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री की 5 योजनाओं और पहलों के पैकेज की घोषणा की। इस वर्ष, शिक्षा, रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के लिए 1.48 लाख करोड़ रूपए आवंटित किए गए हैं।

बजट प्राथमिकताएं

वित्त मंत्री ने कहा कि विकसित भारत के सपने को साकार करने के लिए बजट में सभी के लिए पर्याप्त अवसरों के सृजन हेतु निम्नलिखित 9 प्राथमिकताओं के संबंध में स्थायी प्रयासों की परिकल्पना की गई है।

  1. कृषि में उत्पादकता और अनुकूलन,
  2. रोजगार और कौशल प्रशिक्षण,
  3. समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय,
  4. विनिर्माण और सेवाएं,
  5. शहरी विकास,
  6. ऊर्जा सुरक्षा,
  7. अवसंरचना,
  8. नवाचार, अनुसंधान और विकास तथा
  9. अगली पीढ़ी के सुधार

प्राथमिकता 1: कृषि में उत्पादकता और अनुकूलन

वित्त मंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि हमारी सरकार उत्पादकता बढ़ाने पर ध्यान केन्द्रित करने के लिए कृषि अनुसंधान व्यवस्था की व्यापक समीक्षा करेगी। किसानों की खेतीबाड़ी के लिए 32 कृषि और बागवानी फसलों की नई 109 उच्च पैदावार वाली और जलवायु अनुकूल किस्में जारी की जाएंगी। अगले दो वर्षों में पूरे देश में एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक कृषि के लिए सहायता दी जाएगी, जिसमें प्रमाण-पत्र और ब्रांडिंग व्यवस्था भी शामिल होगी।

10,000 आवश्यकता आधारित जैव-इनपुट संसाधन केंद्र स्थापित किए जाएंगे।

दलहनों और तिलहनों में आत्मनिर्भर बनने के लिए, सरकार इन फसलों के उत्पादन, भंडारण और विपणन को सुदृढ़ बनाएगी, ताकि सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहनों के लिए ‘आत्मनिर्भरता’ हासिल की जा सके। 3 वर्षों में किसानों और उनकी जमीन को कवर करने के उद्देश्य से सरकार, राज्यों के साथ मिलकर कृषि में डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) के कार्यान्वयन में सुविधा प्रदान करेगी। निर्मला सीतारमण ने इस वर्ष के लिए कृषि और इससे संबद्ध क्षेत्रों के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए के प्रावधान की घोषणा की।

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