फील्ड में भेजे जाएं दफ्तरों में काम करने वाले फारेस्ट गार्ड, बीओ एवं रेजंर
हिमाचल न्यूज़ डेली (Himachal News Daily)
शिमला, 19 अगस्त, 2024 । हिमाचल प्रदेश वन विभाग कर्मचारी महासंघ ने प्रेस वार्ता में बताया कि वन विभाग में वर रक्षक, बीओ एवं रेज अफसर को विशेष रूप से लाखों रूपए ट्रेनिंग के द्वारा यूं तो जंगलों की रक्षा के लिए नियुक्त किया जाता है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से तीन सौ से भी अधिक वन रक्षकों को दफ्तरों में तैनाती दी गयी है । यह न केवल सरकारी धन का दरुपयोग है, बल्कि हिमाचल के वनों में खाली पड़ी बीटों के लिए भी चिंताजनक है । प्रकाश बादल ने अपने बयान में यह भी बताया कि एक तरफ जो वन रक्षक फील्ड में कार्य कर रहे हैं, उनको पांच से छ: बीटों का चार्ज दिया गया है, जबकि कुछ लोग सरकारी नियमों को ताक पर रख कर दफ्तरों में बाबू का काम दिया गया है, जिससे न केवल सरकारी धनराशी का दरुपयोग हुआ है, बल्कि दफ्तरों में काम कर रहे वन रक्षकों के कारण फील्ड की सैंकड़ों बीटें खाली पड़ी हैं और अधिकतर वनरक्षकों के पास एक से अधिक बीटों का चार्ज है ।
इसी प्रकार लगभग सौ वन रक्षक वन विभाग में स्पेशल ड्यूटी पर दफ्तरों में तैनात हैं और कई रेंज अफसर भी दफ्तरों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं । इस प्रकार फील्ड स्टाफ को दफ्तरों में लगाया जाना सरकारी धन का दरुपयोग है । दूसरी तरफ वन विभाग में मिनिस्ट्रियल स्टाफ के पदों को लम्बे अरसे से न भरे जाने के कारण विभाग में लगभग 150 क्लर्क/ जेओएआईटी के पद खाली हैं और सौ से भी अधिक सीनियर असिस्टेंट के पद खाली है, जिन्हें भरने के लिए वन विभाग ने कोई विशेष रूचि नहीं दिखाई है । प्रकाश बादल ने यह भी बताया कि इससे पहले समय-समय पर वो सरकार और विभाग को लिखते आए हैं कि वन विभाग में मिनिस्ट्रियल स्टाफ की रिक्तियां जल्द भरी जाएं और फील्ड स्टाफ को फीड में तैनात किया जाए ।
बादल ने यह भी बताया की दफ्तरों में तैनात फील्ड कर्मचारियों के कारण अतिरिक्त कार्यभार का बोझ ढो रहे फील्ड कर्मचारी भी मानसिक तनाव में हैं बल्कि कई बार अतिरिक्त कार्यभार होने के कारण उन्हें वन माफियाओं से लड़ते लड़ते अपनी जान भी गंवानी पड़ी है । होशियार सिंह काण्ड इसका ज्वलंत प्रमाण है । बादल ने वन विभाग की फील्ड स्टाफ एसोसिएशन से भी आग्रह किया है कि वो भी सरकार के समक्ष दफ्तरों में काम कर रहे फील्ड स्टाफ को फील्ड में तैनात करने का आग्रह करें । प्रकाश बादल ने यह भी बताया कि उन्हें वन विभाग के नवनियुक्त वन बल मुखिया डॉ. पवनेश से भी वो जल्द बैठक करेंगे और उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराएंगे। यदि जल्द फील्ड स्टाफ को फील्ड में तैनाती नहीं दी गयी तो हिमाचल प्रदेश वन विभाग के कर्मचारी न्यायालय की शरण लेने पर भी विवश होंगे ।