हर एक मुस्कान में उजाला हो, हर दिव्यांग का हक़ भी निराला हो.(आशीष सिंहमार )
हर दिल की सुनी जाएगी पुकार, दिव्यांगों का हक़ नहीं होगा अब बेकार!

दिव्यांगजनों के अधिकारों और कल्याण के लिए ऐतिहासिक पहल: सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता की अध्यक्षता में महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न!
शिमला, 7 अप्रैल — सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग ने दिव्यांगजनों के अधिकारों और कल्याण को प्राथमिकता देते हुए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। सचिव आशीष सिंहमार की अध्यक्षता में प्रदेश के प्रमुख दिव्यांगजन संगठनों के साथ एक व्यापक और समावेशी बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक न केवल संवाद का एक मजबूत माध्यम बनी, बल्कि इसमें दिव्यांगजनों की मांगों को समझने और उन्हें नीतिगत निर्णयों में शामिल करने का ठोस प्रयास भी देखने को मिला।सचिव सिंहमार ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि “विभाग दिव्यांगजनों के अधिकारों के संरक्षण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।”* उन्होंने सभी विभागों को दिव्यांगजनों के लिए आरक्षित पदों को शीघ्र भरने के निर्देश देने की जानकारी दी और कहा कि उनके कल्याण के लिए समयबद्ध एवं ठोस कदम उठाए जा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने शीघ्र ही मुख्य सचिव के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक आयोजित करने का भी आश्वासन दिया। बैठक में निदेशक ईसोमसा किरण भड़ाना ने विभाग द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न दिव्यांगजन-हितैषी कार्यक्रमों की जानकारी दी। साथ ही विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने सरकार की इस समावेशी पहल की सराहना करते हुए कई महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
प्रमुख मांगों में शामिल रहे:
– दिव्यांग कर्मचारियों के लिए विशेष स्थानांतरण नीति
– पदोन्नति नीति का कड़ाई से पालन
– सेवा निवृत्ति आयु को बढ़ाकर 60 वर्ष करना
– स्वतंत्र दिव्यांग आयुक्त की नियुक्ति
– मुख्यमंत्री आवास योजना का बिना शर्त लाभ
– सामाजिक सुरक्षा पेंशन में वृद्धि
राष्ट्रीय दृष्टिहीन संघ हिमाचल प्रदेश के महासचिव देवा चन्द नेगी और हिमाचल दिव्यांग कल्याण सभा के अध्यक्ष हरिदास प्रजापति ने बैठक की सराहना करते हुए कहा कि यह सभी दिव्यांग वर्गों को एक मंच पर लाने की एक शानदार पहल है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि भविष्य में सभी संगठनों को एक साथ आमंत्रित किया जाए, जिससे हर प्रकार की दिव्यांगता को समझकर उनके अनुसार समाधान सुनिश्चित किया जा सके। बैठक में यह भी उल्लेख किया गया कि गत वित्त वर्ष में 235 पदों को भरने की प्रक्रिया पूरी की गई, जिसे सभी संगठनों ने एक सकारात्मक प्रयास के रूप में देखा।
निष्कर्षतः, यह बैठक एक नई दिशा में कदम बढ़ाने का संकेत है, जहां सरकार और दिव्यांगजन संगठन मिलकर एक समावेशी और सशक्त समाज के निर्माण की ओर अग्रसर हैं।