आठ दीये जलाए विकास के नाम, बिलासपुर बना तरक्की का धाम। पर्यटन महके, रोज़गार मुस्काए, हरित ऊर्जा से सपने सजाए
मुख्यमंत्री की बिलासपुर को सौग़ात — विकास की आठ बात

मुख्यमंत्री ने बिलासपुर को दी आठ बड़ी विकास परियोजनाओं की सौगात! (पर्यटन, रोजगार और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में नए युग की शुरुआत)
|| शिमला:11 अप्रैल, 2025 || मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज वर्चुअल माध्यम से जिला बिलासपुर के लिए आठ प्रमुख विकास परियोजनाओं का लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के माध्यम से प्रदेश में पर्यटन को नई दिशा मिलने के साथ-साथ युवाओं को रोजगार और हरित ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कोल डैम में जल क्रीड़ा गतिविधियों की शुरुआत करते हुए बिलासपुर को साहसिक पर्यटन की नई पहचान देने का संकेत दिया। इसके साथ ही, बिलासपुर जिला उपायुक्त कार्यालय परिसर में 70 लाख रुपये की लागत से स्थापित 110 किलोवाट क्षमता के सौर ऊर्जा चालित रूफटॉप प्लांट का लोकार्पण किया गया, जिससे यह प्रदेश का पहला ‘हरित उपायुक्त कार्यालय’ बन गया है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 4.5 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित ‘शहरी आजीविका केंद्र’, 40 लाख रुपये की लागत से चार अत्याधुनिक स्पैस प्रयोगशालाएं और 2.5 करोड़ रुपये से बने मॉडल करियर सेंटर का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा, *“ये परियोजनाएं सरकार की बिलासपुर के समग्र विकास के प्रति प्रतिबद्धता और दूरदर्शिता को दर्शाती हैं। गोविन्द सागर झील में शुरू हो रही जल आधारित साहसिक गतिविधियां न केवल क्षेत्र को पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करेंगी, बल्कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेंगी।”
उन्होंने यह भी बताया कि सरकार राज्य को देश की पर्यटन राजधानी बनाने के लिए 2400 करोड़ रुपये की लागत से नए पर्यटन स्थल विकसित कर रही है। इसके पहले चरण में वैलनेस सेंटर स्थापित किए जाएंगे। साथ ही, राज्य में तीन से सात सितारा श्रेणी के 200 होटल विकसित करने के लिए निजी क्षेत्र को आमंत्रित किया जा रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्वास्थ्य एवं वैलनेस सुविधाएं उपलब्ध कराएंगे। धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए श्री नैना देवी जी मंदिर में 100 करोड़ रुपये की लागत से सुविधाएं उन्नत की जाएंगी। वहीं, धर्मशाला में 200 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक कन्वेंशन सेंटर की स्थापना की जाएगी। गोविन्द सागर झील समेत अन्य जलाशयों में क्रूज, शिकारा, हाउस बोट, जेट स्की, मोटर बोट और वाटर स्कूटर जैसी आकर्षक सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा, *“प्रदेश का पहला हरित उपायुक्त कार्यालय न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मील का पत्थर है, बल्कि इससे हर वर्ष लगभग 10 लाख रुपये की बिजली बचत होगी।”* उन्होंने यह भी बताया कि शहरी आजीविका केंद्र युवाओं को स्वरोजगार, कौशल विकास और प्रशिक्षण के साथ जोड़ने में सहायक होगा। बिलासपुर के उपायुक्त अबित हुसैन सादिक ने इन परियोजनाओं को जिले के पर्यावरणीय, पर्यटन और रोजगार विकास में क्रांतिकारी बताया। इस अवसर पर विधायक सुन्दर सिंह ठाकुर, पूर्व मंत्री रामलाल ठाकुर, पूर्व विधायक तिलक राज और बम्बर ठाकुर सहित कई गणमान्य जनप्रतिनिधि, कांग्रेस पार्टी के नेता एवं राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।