Breaking NewsCabinethimachal newsHimachal News Dailyhimachal pradeshlatest newsदेश दुनियांनई दिल्लीराजनीतीहिमाचल प्रदेश

डेटा, निर्णय और दिशा: कैसे जातिगत जनगणना बदल सकती है भारत की नीतियाँ!

जातिगत जनगणना पर केंद्र के फैसले का जय राम ठाकुर ने किया स्वागत, बताया ऐतिहासिक कदम!

 


जातिगत जनगणना के निर्णय का जय राम ठाकुर ने किया स्वागत

“मोदी की गारंटी” पर देश को विश्वास — जातिगत न्याय की दिशा में बड़ा कदम

शिमला – हिमाचल प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने केंद्र सरकार द्वारा आगामी जनगणना के साथ-साथ जातिगत जनगणना कराने के निर्णय का जोरदार स्वागत किया है। उन्होंने इस फैसले को “ऐतिहासिक, साहसिक और दूरदर्शी” बताया जो भारत में सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लक्ष्य को प्राप्त करने में मील का पत्थर साबित होगा।

शिमला से जारी अपने बयान में जय राम ठाकुर ने कहा,“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने वह कार्य किया है, जिसकी सिर्फ बातें होती थीं। अब इसे क्रियान्वयन की दिशा में ठोस रूप दिया गया है।”

उनके अनुसार, यह फैसला लंबे समय से लंबित उस मांग को पूरा करता है जिससे समाज के सभी वर्गों को वास्तविक प्रतिनिधित्व का अधिकार मिल सकेगा।


कांग्रेस पर हमला: “डेटा छिपाया, नीति नहीं बनाई”

जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर कांग्रेस पार्टी की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने लगभग सात दशकों के शासनकाल में कभी भी जातिगत जनगणना की हिम्मत नहीं दिखाई।

उन्होंने याद दिलाया कि वर्ष 2011 में यूपीए सरकार ने भले ही सामाजिक-आर्थिक जातिगत सर्वेक्षण (SECC) कराया था, लेकिन उसके परिणामों को कभी सार्वजनिक नहीं किया गया। इस पर कटाक्ष करते हुए ठाकुर ने कहा:“वह केवल दिखावे की राजनीति थी। न डेटा सामने आया, न नीति बनी। अब मोदी सरकार ने ना सिर्फ निर्णय लिया है, बल्कि उसे लागू करने की दिशा में कदम भी बढ़ा दिए हैं।”


“मोदी हैं तो मुमकिन है”: जनमानस में बढ़ता विश्वास

जय राम ठाकुर ने प्रधानमंत्री मोदी की कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा:“‘मोदी हैं तो मुमकिन है’ अब केवल एक नारा नहीं, बल्कि देश की जनता का अनुभव बन चुका है। आज भारतवासी जब भी भरोसे की बात करते हैं, तो केवल एक गारंटी की बात करते हैं — और वह है मोदी की गारंटी।”

उन्होंने कहा कि जहां एक ओर बाकी राजनीतिक दल वादों और घोषणाओं तक सीमित हैं, वहीं मोदी सरकार के फैसले और कार्यशैली जनविश्वास का आधार बन रहे हैं।


अन्य नेताओं और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

इस निर्णय का भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और विशेषज्ञों ने भी समर्थन किया है:

  • डॉ. संबित पात्रा (राष्ट्रीय प्रवक्ता, भाजपा):“जातिगत जनगणना यह जानने में मदद करेगी कि किन समुदायों को ज्यादा सहायता की जरूरत है और असमानता किन क्षेत्रों में बनी हुई है।”
  • वीरेंद्र कुमार (केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री):“यह कदम सामाजिक समावेशन और समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।”

नीति विशेषज्ञों की राय: डेटा आधारित निर्णयों की ओर एक कदम

नीति विशेषज्ञ प्रो. राकेश मिश्रा ने कहा कि भारत जैसे विविध सामाजिक संरचना वाले देश में, योजनाओं की सफलता के लिए जातिगत आंकड़े आवश्यक हैं। उन्होंने कहा:“इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि बजट, संसाधन और सरकारी नीतियाँ जनसंख्या की संरचना के अनुरूप तैयार हों। यह निर्णय नीति-निर्माण को तथ्यपरक और पारदर्शी बनाएगा।”


निष्कर्ष: सामाजिक न्याय की दिशा में निर्णायक मोड़

जय राम ठाकुर ने इस निर्णय को सरकार की दूरदर्शिता और राजनीतिक इच्छाशक्ति का प्रतीक बताया। उन्होंने विश्वास जताया कि यह कदम भारत को अधिक न्यायपूर्ण और संतुलित भविष्य की ओर ले जाएगा।“यह केवल एक प्रशासनिक फैसला नहीं, बल्कि सामाजिक समरसता की ओर बढ़ाया गया निर्णायक कदम है।”


 

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!