जीवन में कामयाबी के लिए दृढ़संकल्प और मेहनत का कोई विकल्प नहीं- मुख्यमंत्री
शूलिनी विश्वविद्यालय के 7वें दीक्षांत समारोह में मेधावी छात्रों को किया सम्मानित
हिमाचल न्यूज़ डेली (Himachal News Daily)
इसके साथ ही मेधावी विद्यार्थियों को 20 लाख रुपए का ऋण एक प्रतिशत ब्याज पर उपलब्ध करवाया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वर्तमान राज्य सरकार ग्रीन इंडस्ट्री को बढ़ावा दे रही है। ई-व्हीकल और सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है। युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए ई-टैक्सी, ई-ट्रक और ई-बस की खरीद पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी प्रदान कर रही है। इसके अतिरिक्त सौर ऊर्जा की परियोजनाएं स्थापित करने के लिए 40 प्रतिशत आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। उन्होंने युवाओं से प्रदेश सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठाने की अपील की।
सभी विद्यार्थियों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जीवन में कामयाबी के लिए दृढ़संकल्प और मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें अपना लक्ष्य हासिल करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। सबसे पहले जीवन में अच्छा इंसान बनना चाहिए और फिर समाज को वापिस देना भी सीखना चाहिए। असफलता से ही सफलता का रास्ता निकलता है और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने हमेशा राजनीति के माध्यम से जनसेवा का सपना देखा और उसी दिशा में मेहनत की। जीवन में ईमानदारी और लगन के साथ काम किया और आज प्रदेश का नेतृत्व करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि 17 साल की आयु में उन्होंने छात्र जीवन का पहला चुनाव लड़ा जिसके बाद वे नगर निगम शिमला में पार्षद और उसके बाद विधायक निर्वाचित हुए। सामान्य परिवार से निकलकर राजनीति करना आसान नहीं है, इसके बावजूद उन्हें एनएसयूआई, युवा कांग्रेस का प्रदेशाध्यक्ष और सबसे कम उम्र में कांग्रेस पार्टी का प्रदेशाध्यक्ष बनने का मौका भी मिला।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि हाल में आई आपदा ने राज्य में बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि पिछले 50 वर्ष में हमने ऐसी आपदा नहीं देखी, लेकिन इसके बावजूद राज्य सरकार और अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रयास से इस आपदा में फंसे 75 हजार पर्यटकों और 15 हजार गाड़ियों को सुरक्षित निकाला गया। इसके साथ ही 48 घंटे में आवश्यक सेवाएं अस्थाई तौर पर बहाल की। उन्होंने कहा कि यह राजधर्म के प्रति राज्य सरकार का उत्तरदायित्व है, जिसकी विभिन्न स्तर पर प्रशंसा की गई। उन्होंने कहा कि हिमाचल की धरती अतिथियों का सत्कार करना जानती है।
मुख्यमंत्री ने शूलिनी विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ इमर्जिंग टेक्नोलॉजी का उद्घाटन भी किया। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में अनाथ बच्चों की देखरेख के लिए कानून बनाने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। इस कानून के तहत 27 वर्ष तक अनाथ बच्चों की देख-रेख और उन्हें शिक्षा प्रदान करने का दायित्व प्रदेश सरकार का है। उन्होंने कहा कि हाल ही में आई आपदा के दौरान मुख्यमंत्री ने आगे बढ़ कर नेतृत्व करते हुए प्रभावितों की हरसम्भव मदद की।
डॉ. शांडिल ने कहा कि हम सभी का जीवन संस्कारयुक्त होना चाहिए और नशे से दूर रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज नशा हमारे समाज के लिए सबसे बड़ा खतरा है और हमें नशे से दूर रहने और राष्ट्र निर्माण में अपना भरपूर योगदान देने का प्रण लेना चाहिए।
इससे पहले शूलिनी विश्वविद्यालय के कुलपति पी.के. खोसला ने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री का स्वागत किया और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस अवसर पर मुख्य संसदीय सचिव राम कुमार चौधरी व संजय अवस्थी, विधायक विनोद सुल्तानपुरी, जोगिंद्रा बैंक के चेयरमैन मुकेश शर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी गोपाल शर्मा, जिला कांग्रेस अध्यक्ष शिव कुमार, महासचिव सुरेंद्र सेठी, उपायुक्त मनमोहन शर्मा, एसपी गौरव सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।