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“हिमाचल में शराब का व्यापार बना आसान, 50 हज़ार की अर्नेस्ट मनी से खुला नया मक़ाम – वाइन शॉप टेंडर, अब सबके लिए आम!”

प्रदेश के पांच जिलों में करीब 400 से ज्यादा शराब ठेके के लिए कोई खरीददार नहीं मिला है

हिमाचल में शराब का ठेका लेना अब आसान – सिर्फ 50 हजार अर्नेस्ट मनी में मौका, सरकार ने बदला सिस्टम!

शिमला:08अप्रैल, 2025– अगर आप भी हिमाचल में शराब का ठेका लेना चाहते हैं, तो अब यह पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है। राज्य सरकार ने ठेकेदारी प्रणाली में बड़ा बदलाव करते हुए अब पूरे यूनिट की बजाय *एक-एक शराब ठेके* के लिए टेंडर आमंत्रित करने का फैसला लिया है। यानी अब कोई भी इच्छुक व्यक्ति केवल **50 हजार रुपये की अर्नेस्ट मनी** जमा कर आवेदन कर सकता है।

बिक नहीं पाए थे 400 ठेके, सरकार का मास्टरस्ट्रोक–पिछली प्रक्रिया के तहत पांच या अधिक ठेकों वाली यूनिट्स की नीलामी की जाती थी, जिससे छोटे निवेशक बाहर रह जाते थे। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। दरअसल, राज्य के **पांच जिलों में 400 से ज्यादा शराब ठेके बिना खरीदार के रह गए** थे। इस स्थिति को बदलने के लिए राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने सोमवार और मंगलवार को *सिंगल ठेके के लिए टेंडर* आमंत्रित किए हैं।

अब हर कोई बन सकता है ठेकेदार – जानिए कैसे-

1- सिंगल टेंडर की सुविधा के चलते अब किसी बड़े निवेश की जरूरत नहीं। 2- सिर्फ **₹50,000 की अर्नेस्ट मनी** जमा कर आसानी से आवेदन किया जा सकता है।  3- पहले जहां एक साथ कई ठेकों के लिए मोटी रकम देनी पड़ती थी, अब एक ठेका खरीदना भी संभव।   4- इससे *छोटे निवेशक* और *स्थानीय व्यापारी* भी इस कारोबार में उतर सकेंगे।

कौन-कौन से जिले हैं शामिल? यह नई व्यवस्था इन जिलों में लागू की गई है:

शिमला: 133 ठेके

– मंडी:134 ठेके

– कांगड़ा: 102 ठेके

– बिलासपुर: 16 ठेके

– कुल्लू व लाहौल-स्पीति: 76 ठेके

सरकार का लक्ष्य – 2850 करोड़ का राजस्व–हर साल शराब के ठेकों की नीलामी से सरकार को अच्छा खासा राजस्व मिलता है। पिछले वित्त वर्ष में यह आंकड़ा **2600 करोड़** रहा था। इस बार सरकार का लक्ष्य **2850 करोड़** तक पहुंचने का है, और यही वजह है कि नीतियों को लचीला व निवेशक अनुकूल बनाया गया है|

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