एसजेवीएन दो स्कोप अवार्ड से सम्मानित- नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन
हिमाचल न्यूज़ डेली (Himachal News Daily)
शिमला, 18 जनवरी 2024 । नन्द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने बताया कि एसजेवीएन ने वर्ष 2016-17 के लिए ‘स्कोप एक्सीलेंस अवार्ड इन इन्स्टिटूशनल केटेगरी II ‘ और ‘ स्कोप मेरिटोरियस अवार्ड फॉर कारपोरेट सोशल रिस्पान्सबिलिटी एंड रिस्पॉन्सिवनेस ’ अवार्ड हासिल किए हैं। भारत के माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक भव्य समारोह के दौरान यह अवार्ड प्रदान किए।
भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में निर्णायक मंडल के एक प्रतिष्ठित पैनल ने वर्ष 2016-17 के लिए स्कोप अवार्ड के विजेताओं का चयन किया था। वैश्विक महामारी के कारण अवार्ड समारोह में विलंब हुआ। आज नई दिल्ली में आयोजित समारोह में स्कोप एमिनेंस अवार्ड 2019-20 के साथ यह अवार्ड प्रदान किए गए।
नन्द लाल शर्मा ने कहा कि विदयुत क्षेत्र के विकास में कंपनी की प्रतिबद्धता के लिए ‘स्कोप एक्सीलेंस अवार्ड इन इन्स्टिटूशनल केटेगरी II ‘ (मिनीरत्न I एवं II पीएसई) अवार्ड प्रदान किया गया है। एसजेवीएन तीव्रता से विस्तार एवं क्षमतागत वृद्धि की ओर अग्रसर है। 59772 मेगावाट के कुल परियोजना पोर्टफोलियो के साथ, कंपनी वर्ष 2026 तक 12000 मेगावाट के अपने मिशन और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता के साझा विजन को हासिल करने के लिए अग्रसर है। दो वर्षों की अवधि के भीतर, एसजेवीएन ने एक जलविद्युत और दो सौर परियोजनाओं को सफलतापूर्वक कमीशन किया है। इस विकास के साथ, एसजेवीएन की स्थापित क्षमता अब 2226.5 मेगावाट हो गई है।
दूसरा अवार्ड ‘स्कोप मेरिटोरियस अवार्ड फॉर कारपोरेट सोशल रिस्पान्सबिलिटी एंड रिस्पॉन्सिवनेस ’ कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के क्षेत्र में असाधारण संगठनात्मक प्रयासों के लिए मान्यतास्वरूप प्रदान किया गया है। एसजेवीएन द्वारा अपने पंजीकृत ट्रस्ट ‘एसजेवीएन फाउंडेशन’ के माध्यम से की गई सीएसआर पहलों से समाज के सभी वर्गों के हितधारक लाभान्वित हो रहे है। शिक्षा एवं कौशल विकास, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता, संरचनात्मक विकास और सामुदायिक परिसंपत्ति सृजन, स्थानीय संस्कृति और खेलों का संरक्षण और संवर्धन, सततशील विकास तथा प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता आदि के क्षेत्रों में विभिन्न सीएसआर गतिविधियों पर अब तक 412 करोड़ रुपए से अधिक व्यय किए गए हैं।